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कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र-पुरुष

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  कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र-पुरुष अन्य सम्बन्धित शीर्षक कम्प्यूटर की उपयोगिता ,  कम्प्यूटर एवं उसका महत्त्व, भारत में कम्प्यूटर का प्रयोग। ""प्रगति के इस दौर में कम्प्यूटर एक सशक्त माध्यम के रूप में उभरा है। कम्प्यूटर का आविष्कार मानव बुद्धि की कुशाता का परिणाम है। जाहिर है कि इसकी कार्यकुशलता हमारे हाथों में ही है।" रूपरेखा –  1 ) प्रस्तावना,  2) कम्प्यूटर क्या है?  3) कम्प्यूटर और उसके उपयोग  — (क) बैंकिंग के क्षेत्र में, (ख) प्रकाशन के क्षेत्र में,  (ग) सूचना और समाचार प्रेषण के क्षेत्र में,  (घ) डिजाइनिंग के क्षेत्र में,  (ङ) कला के क्षेत्र में,  (च) वैज्ञानिक अनुसन्धान के क्षेत्र में,  (छ) औद्योगिक क्षेत्र में,  (ज) युद्ध के क्षेत्र में,  (झ) अन्य क्षेत्रों में,  4) कम्प्यूटर और मानव मस्तिष्क,  (5) उपसंहार । प्रस्तावना —गत कई वर्षों से हमारे देश में कम्प्यूटरों की चर्चा जोर-शोर से हो रही है। देश को कम्प्यूटरमय करने के प्रयास किए जा रहे हैं। कई उद्योग-धन्धों और संस्थानों में कम्प्यूटर का प्रयोग होने लगा है। ...

दूर संचार में क्रान्ति

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  दूर संचार में क्रान्ति अन्य सम्बन्धित शीर्षक दूर-संचार की उपयोगिता, भारत में दूरसंचार। रूपरेखा - 1. प्रस्तावना,  2 .दूरसंचार का मानव जीवन में महत्त्व,  3. उद्योग और व्यवसाय के क्षेत्र में दूर-संचार का योगदान,  4. भारत में दूरसंचार का विकास,  5. प्राथमिक सेवा,  6. सेल्यूलर मोबाइल टेलीफोन सेवा,  7.इण्टरनेट सेवा,  8. उपसंहार । प्रस्तावना — दूर-संचार के क्षेत्र में उन्नति से मानवजीवन की गुणवत्ता पर गहरा प्रभाव पड़ा है। यह सर्वविदित है कि आज हम 'सम्पर्क' युग में रह रहे हैं। दूर-संचार के विकास ने मानवजीवन के प्रत्येक क्षेत्र को अपने दायरे में ले लिया है। प्राचीनकाल में संदेशों के आदान-प्रदान में बहुत अधिक समय तथा धन लग जाया करता था, परन्तु आज समय और धन दोनों की बड़े पैमाने पर बचत हुई है। दूर-संचार के क्षेत्र में नई तकनीकी से अब टेलीफोन, सेल्यूलर फोन, फैक्स और ई-मेल द्वारा क्षणभर में ही किसी भी प्रकार के संदेश एवं विचारों का आदान-प्रदान किया जा सकता है। आज चन्द्रमा तथा अन्य ग्रहों से सम्प्रेषित संदेश पृथ्वी पर पलभर में ही प्राप्त किए जा सकते हैं। दूर...

प्रदूषण • समस्या और समाधान

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  प्रदूषण • समस्या और समाधान आज यूरोप के कई देशों में प्रदूषण इतना ज्यादा बढ़ गया है, जिसके कारण वहाँ कभी-कभी अम्ल-मिश्रित वर्षा होती है। अन्य सम्बन्धित शीर्षक-  . • बढ़ता प्रदूषण और पर्यावरण  . पर्यावरण संरक्षण  . प्रदूषण के दुष्परिणाम, पर्यावरण प्रदूषण कारण एवं निदान (निवारण)  . औद्योगिक प्रदूषण बढ़ता प्रदूषण और उसके कारण  .पर्यावरण प्रदूषण समस्या और समाधान  . पर्यावरण की उपयोगिता  • पर्यावरण और मानव  " आज हमारा वायुमण्डल अत्यधिक दूषित हो चुका है, जिसकी वजह से मानव का जीवन खतरे में आ गया है। ओस की बुँदो में भी अम्ल मिला रहता है। यदि समय रहते हुए हमने इस तरफ ध्यान नहीं दिया तो एक दिन विश्व में संकट छा जाएगा।"   रूपरेखा  (1) प्रस्तावना,  (2) प्रदूषण का अर्थ, (3) विभिन्न प्रकार के प्रदूषण (क) वायु प्रदूषण 'खनन भारती' से उदधृत  (ख) जल-प्रदूषण (ग) रेडियोधर्मी प्रदूषण, (घ) ध्वनि-प्रदूषण,  (ङ) रासायनिक प्रदूषण,  (४) प्रदूषण पर नियन्त्रण,  (५) उपसंहार ।]  प्रस्तावना – चौदहवीं शताब्दी में मुहम्मद तुगलक के जीवन...

आधुनिक जीवन की समस्याएँ

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  आधुनिक जीवन की समस्याएँ अन्य सम्बन्धित शीर्षक– * हमारी सामाजिक समस्याएँ,  * बढ़ती. आबादी,  *घटते संसाधन,  *मिटती नैतिकता  * वर्तमान समाज और कुरीतियाँ • मानव-निर्मित आपदाएँ  रूपरेखा – 1)प्रस्तावना,  २) हमारा समाज और विविध समस्याएँ— (क) जातिगत भेदभाव, ख) नारी शोषण,  (ग) दहेज-प्रथा,  (घ) भ्रष्टाचार,  ङ) बेरोजगारी,  च) महँगाई,  छ) अनुशासनहीनता, झ)जनसंख्या वृद्धि, मद्यपान,  (अ) प्रदूषण की समस्या, (३) उपसंहार प्रस्तावना — प्रत्येक समाज अपने सदस्यों की आकाशाओं और इच्छाओं की पूर्ति का साधन होता है। समाज के अस्तित्व के लिए यह आवश्यक है कि उसका प्रत्येक सदस्य प्रसन्न रहे और समाज के साधनों का उपभोग सभी व्यक्ति समान रूप से कर सकें। इसके लिए समाज कतिपय नियम व मान्यताएँ निर्धारित करता है; किन्तु समय के साथ-साथ जब जनसंख्या वृद्धि अथवा अन्य दूसरे कारणों से सामाजिक मान्यताओं का ह्रास होने लगता है और कुछ शक्तिशाली व्यक्ति केवल अपने स्वार्थ के लिए समाज के साधनों व सुविधाओं का उपयोग करने लगते हैं, जिससे अधिकांश व्यक्ति साधनहीन हो जाते हैं त...

हमारी वन सम्पदा

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  हमारी वन सम्पदा  अन्य सम्बन्धित शीर्षक- वनों का महत्व वन महोत्सव की उपादेयता, वनों से लाभ, वन संरक्षण का महत्त्व मनुष्य और वृक्ष पारस्परिक सम्बन्ध " पेड़ मनुष्य के लगभग सबसे अधिक विश्वस्त मित्र है और जो देश अपने भविष्य को संवारना और सुधारना चाहता है उसे चाहिए कि वह अपने वनों का अच्छी तरह ध्यान रखे ।"  रूपरेखा   1) प्रस्तावना, 2) भारतीय अर्थव्यवस्था में वनों का आर्थिक महत्व  (अ) प्रत्यक्ष लाभ- (i) लकड़ी की प्राप्ति  (ii) उद्योगों के लिए कच्चे माल की प्राप्ति  (iii) लघु उद्योगों की स्थापना,  (iv) व्यक्तियों के लिए रोजगार  (v) पशुओं को चारा,  (vi) सरकार को राजस्व की प्राप्ति,  (vii) विदेशी मुद्रा की प्राप्ति,  (viii) आयुर्वेदिक तथा अन्य जड़ी-बूटियां  (च) अप्रत्यक्ष लाभ  (1) जलवायु पर नियन्त्रण  (ii) पर्यावरण सन्तुलन,  (iii) वर्षा में सहायक, (iv) रेगिस्तान के प्रसार पर रोक,  (v) बाढ़ नियन्त्रण में सहायक,  (vi) भूमि कटाव रोकने में सहायक।  (vii) पानी के स्तर में वृद्धि,  3) वनों के विकास की द...

आरक्षण नीति के बारे में

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  आरक्षण नीति 1) शैक्षणिक आधार 2) आर्थिक आधार 3) संवैधानिक औआधार,  4) राजनैतिक क्षेत्र में आरक्षण,  5) आरक्षण से लाभ और हानियाँ  • आरक्षण नीति अभिशाप या वरदान,  • आरक्षण नीति एवं अन्य सम्बन्धित शीर्षक- सामाजिक न्याय,  • आरक्षण गुण-दोष, शिक्षा में आरक्षण और देश का भविष्य  • शिक्षा  • आरक्षण व्यवस्था और राष्ट्र का विकास  • सरकारी नौकरियों में आरक्षण में आरक्षण और देश का भविष्य  रूपरेखा   1) प्रस्तावना 2) आरक्षण के पक्ष एवं विपक्ष सम्बन्धी मान्यताएँ  (क) जातिगत एवं के परिणाम,  6) उपसंहार ।  प्रस्तावना जब किसी देश राष्ट्र अथवा समाज में कोई वस्तु, पदों की संख्या अथवा सुख-सुविधा आदि किसी व्यक्ति तथा वर्ग-विशेष के लिए आरक्षित कर दी जाती है तो उसकी और सबका ध्यान आकर्षित हो जाता है। इसी कारण पिछड़ी जातियों के लिए नौकरियों अथवा सरकारी पदों पर आरक्षण की घोषणा ने सम्पूर्ण देश के लोगों का ध्यान आकर्षित किया। इस 'आरक्षण नीति' के विरोध में आन्दोलन हुए और अनेक विवाद खड़े हो गए। 'आरक्षण' एक विशेषाधिकार है, जो दूसरों के लिए बाधक और ईर्...

परिवार नियोजन

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  परिवार नियोजन अन्य सम्बन्धित शीर्षक परिवार नियोजन और भारत  • जनसंख्या विस्फोट की समस्या और निदान  • जनसंख्या वृद्धि: कारण और निवारण  • सुखी परिवार का आधार छोटा परिवार  ● बढ़ती जनसंख्या : एक गम्भीर समस्या  छोटा परिवार सुखी परिवार जनसंख्या में तेजी से वृद्धि विकास से मिलनेवाले लाभों को समाप्त कर देती है। को राष्ट्रीय नीति के रूप में अपनानेवाले सबसे पहले देशों में है। भारत में परिवार नियोजन हमारी आर्थिक विकास की योजना का एक भाग है।" भारत परिवार नियोजन  रूपरेखा –  1) प्रस्तावना 2) भारतवर्ष में जनसंख्या वृद्धि के कारण 3) जनसंख्त की उत्तरोत्तर वृद्धि से हानि 4) परिवार नियोजन से लाभ 5) पंचवर्षीय योजनाओं में परिवार नियोजन की प्रगति 6) परिवार -इन्दिरा गांधी नियोजन अथवा जनसंख्या समाधान के उपाय, 7) उपसंहार। प्रस्तावना - जिस देश को कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था, जहां कभी दूध की नदियों वहा करती थी, उसी देश के अधिकांश बच्चों को शायद आज दूध के रंग का भी पता न हो। आज असंख्य लोगों को रहने के लिए घर, तन ढकने के लिए पर्याप्त वस्त्र और खाने के लिए पेट भर भोजन भी न...